देश में नागरिकता कानून के जहाँ एक तरह विरोध में शांति प्रदर्शन हो रहा है वही अब बीजेपी कार्यकर्ता इसके समर्थन में अब प्रदर्शन करने शुरू कर दिया है. मामला मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे एक युवक को कलेक्टर निधि निवेदिता ने थप्पड़ जड़ दिया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
राजगढ़ के ब्यावरा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्थानीय लोगों के साथ सीएए के समर्थन में रविवार को रैली निकालने का ऐलान किया था. रैली में शामिल लोगों और प्रशासन के अधिकारियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. इस दौरान डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा से झूमा-झपटी हुई. वहीं जिलाधिकारी निधि निवेदिता ने प्रदर्शनकारी को थप्पड़ ही जड़ दिया.
प्रदर्शनकारी को थप्पड़ मारते ही विवाद बढ़ गया और स्थिति बिगड़ने लगी तो पुलिस जवानों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर बल प्रयोग किया. देखें- VIDEO
अब वही इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भड़क गए और एक के बाद एक कई ट्वीट किया. और अफसरों को सीधी चेतावनी दिया उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा की, प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा कांग्रेस सरकार की चाटुकारिता के नये आयाम गढ़े जा रहे हैं!
सरकार के तुग़लकी फरमानों पर अमल में कौन रेस में पहले आता है, इसकी होड़ लगी है!
कुछ अधिकारी भूल गए हैं कि वे किसी पार्टी के हुक्म बजाने के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा हेतु पद पर हैं।
आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जायेगा।
आज राजगढ़ में डे. कलेक्टर साहिबा ने जिस बेशर्मी से #CAA के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को लताड़ा, घसीटा और चाँटे मारे, उसकी निंदा मैं शब्दों में नहीं कर सकता।
क्या उन्हें प्रदर्शनकारियों को पीटने का आदेश मिला था?
कलेक्टर मैडम, आप यह बताइये कि कानून की कौन सी किताब आपने पढ़ी है जिसमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को पीटने और घसीटने का अधिकार आपको मिला है?
सरकार कान खोलकर सुने ले, मैं किसी भी कीमत पर मेरे प्रदेशवासियों के साथ इस प्रकार की हिटलरशाही बर्दाश्त नहीं करूंगा! #CAA
शासन-प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी गलती से भी यह न भूलें कि सरकारें पर्मानेंट नहीं होती हैं, वो बदलती हैं!
बुराई का अंत और अच्छाई की विजय निश्चित है, इसलिए नागरिकों की सेवा की ज़िम्मेदारी, जो आपको मिली है, उसे निभाने में अपनी ऊर्जा, जज़्बा, जुनून और मेहनत लगाएँ। #CAA
क्या कलेक्टरी का इतना ज्यादा नशा छा गया कि आप गली के गुंडे-बदमाशों की तरह नागरिकों को पीटने लगीं?
असभ्यता और अनैतिकता की सारी हदें पार की जा चुकी हैं। लोकतंत्र का उपहास है राजगढ़ की घटना!
कांग्रेस सरकार प्रदेश के नागरिकों को दबाने और कुचलने में अब अधिकारियों का सहारा ले रही है!
मध्यप्रदेश में ऐसे अधिकारी, जो चाटुकारिता के नशे में अपनी सीमाएँ लांघ रहे हैं, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिये।
कांग्रेस सरकार के साथ-साथ अब शासन-प्रशासन की मानसिकता भी हिंसक हो गई है जिसका अहिंसक विरोध हम प्रदेशवासियों के साथ करेंगे!
हिंसक मानसिकता का अहिंसक विरोध!