अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से पहले शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। गुलाम हिंदुस्तान में इंग्लैंड के राजा या रानी आते थे, तब उनके स्वागत की ऐसी ही तैयारी होती थी और जनता की तिजोरी से बड़ा खर्च किया जाता था। मिस्टर ट्रंप या प्रेसिडेंट ट्रंप के बारे में भी यही हो रहा है।
सामना में लिखा है कि प्रेसिडेंट ट्रंप को पहले गुजरात में ही क्यों लेकर जाया जा रहा है? इस सवाल का सही जवाब मिलना कठिन है। मोदी ने ट्रंप को पहले गुजरात में ले जाने का तय किया है और उनके निर्णय का आदर होना चाहिए। ट्रंप अमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरेंगे इसलिए एयरपोर्ट और एयरपोर्ट के बाहर की सड़कों की ‘मरम्मत’ शुरू है। यह मरम्मत करने के लिए प्रेसिडेंट ट्रंप के चरण अमदाबाद में पड़ना, इसे ऐतिहासिक ही कहना चाहिए।
हम ऐसा पढ़ते हैं कि प्रेसिडेंट ट्रंप वे केवल तीन घंटों के दौरे पर आ रहे हैं और उनके लिए 100 करोड़ रुपया सरकारी तिजोरी से खर्च हो रहा है। 14 सड़कों का डामरीकरण शुरू है। नई सड़कें बनाई जा रही हैं। लेकिन इस सबमें मजे की बात ऐसी है कि प्रेसिडेंट ट्रंप को सड़क से सटे गरीबों के झोपड़े का दर्शन न हो इसके लिए सड़क के दोनों ओर किलों की तरह ऊंची-ऊंची दीवारें बनाने का काम शुरू है। ट्रंप की नजर से गुजरात की गरीबी, झोपड़े बच जाएं, इसके लिए यह ‘राष्ट्रीय योजना’ हाथ में ली गई है, ऐसा कटाक्ष होने लगा है।