भारत में आतंकी का भी धर्म देख कर सपोर्ट और विरोध किया जाता है. ऐसा बीजेपी और कांग्रेस दोनों का हमेशा से आरोप रहा है. अभी कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों के साथ गिरफ़्तार किए गए डीएसपी देवेंदर सिंह को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गई है.
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सबसे लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर देविंदर सिंह इत्तफाक से देविंदर खान होता, तो RSS की ट्रोल टुकड़ी की प्रतिक्रिया कहीं ज़्यादा तीखी और मुखर होती. देश के दुश्मनों की धर्म, आस्था या रंग देखे बिना निंदा की जानी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि घाटी की जो कमज़ोर कड़ी है, वह हमारे लिए बेहद चिंताजनक ढंग से उजागर हो गई है और हमें सामने की चौकसी करते हुए पीछे से आंखें मूंदना महंगा पड़ेगा. अब निश्चित तौर पर यह सवाल उठेगा कि पुलवामा के खौफनाक हादसे के पीछे के असली मुजरिम कौन थे – इसे नए सिरे से देखने की ज़रूरत है.