दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर कई दिनों से शांतिपूर्ण वरोध प्रदर्शन चल रहा था. लेकिन कुछ लोगो को शांति पसंद नहीं आयी और हिंसा फैलाना शुरू कर दिया अब इस हिंसा में कई लोगो की जाने जा चुकी है. कई लोग घायल हो गए.
इस दंगे को लेकर अब पूर्व आईएएस हर्ष मंदर का कहना है, “मैं पिछले कई सालों से सामाजिक हिंसा का अध्ययन कर रहा हूं और यह बात पक्के तौर से कह सकता हूं कि दंगे होते नहीं, पर करवाए जाते हैं.
मैंने बतौर आईएएस कई दंगे देखे हैं. अगर दंगा कुछ घंटों से ज़्यादा चले तो मान लें कि वह प्रशासन की सहमति से चल रहा है। दंगे करवाने के लिए तीन चीज़ें बहुत जरूरी हैं। नफ़रत पैदा करना, बिल्कुल वैसे जैसे किसी फैक्टरी में कोई वस्तु बनती हो।
दूसरा, दंगों में हथियार, जिसका भी प्रयोजन होता है। अगर बड़े दंगे करवाने हैं तो छुरी और सिलिंडर बांटे जाते हैं और सिर्फ एक तनाव का वातावरण खड़ा करना हो तो ईंट-पत्थर। तीसरा है, पुलिस और प्रशासन का सहयोग जिनके बिना कुछ भी मुमकिन नहीं।”