केंद्र में जब मोदी सरकार आयी तब से कहा जा रहा था देश का खजाना कांग्रेस की सरकार ने खत्म कर दिया है लूट लिया। लेकिन अब ऐसा लग रहा है खजाना तो था लेकिन अब खत्म किया जा रहा है.
अभी हाल में केंद्र की मोदी सरकार ने आरबीआई से पैसे लिए थे. लेकिन अब फिर से केंद्र सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 45 हजार करोड़ की मदद मांग सकती है. यह दावा न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने किया है.
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए ये कदम उठाने वाली है. अगर ऐसा होता है तो एक बार फिर आरबीआई और सरकार के बीच मतभेद हो सकते हैं. बता दें कि रिजर्व बैंक ने केंद्र को लाभांश के तौर पर 1.76 लाख करोड़ रुपये देने की बात कही थी.
रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई मोटे तौर पर करंसी और सरकारी बॉन्ड के ट्रेडिंग से मुनाफा कमाता है. इन कमाई का एक हिस्सा आरबीआई अपने परिचालन और इमरजेंसी फंड के तौर पर रखता है. इसके बाद बची हुई रकम डिविडेंड के तौर पर सरकार के पास जाता है.
आपको बता दे अगर आरबीआई ने केंद्र सरकार की मांग को मान ली तो यह लगातार तीसरा साल होगा, जब सरकार के पास अंतरिम लाभांश आएगा. इस बात की भी आशंका है कि आरबीआई और सरकार के बीच फिर मतभेद हो सकते हैं.