मोदी राज में ‘YES BANK’ भी बर्बादी के कगार पंहुचा, अब निगाहें RBI पर टिकी

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देश में इन दिनों कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. खास कर बैंकिंग सेक्टर और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर। पहले नोटबंदी ने लोगो की जान ली, फिर GST ने बैंकिंग सेक्टर और अर्थव्यवस्था को तबाह किया। पहले PMC बैंक बंद हुआ उसके बाद कुछ एक और छोटे छोटे बैंक बंद हुए जिससे आम लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वही अब यस बैंक से भी एक बुरी खबर आ रही है. जो आम लोगो का सर दर्द बड़ा सकती है.

सूत्रों के मुताबिक देश का पांचवा प्रमुख निजी बैंक यस बैंक बंद होने की कगार पर पहुंच चुका है। अगर इसे बंद करने की घोषणा नहीं की जाती है, तो फिर भविष्य में करोड़ों ग्राहकों के लिए दिक्कतें पैदा कर सकता है। अब भारतीय रिजर्व बैंक को इसके बारे में जल्द निर्णय लेना पड़ेगा।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, देश का पांचवां सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक चलाने वाले को-फाउंडर बैंक को बैड कॉरपोरेट लोन में फंसा चुके हैं। इंस्टीट्यूशनल शेयरहोल्डर्स बैंक से बाहर निकल रहे हैं। छोटे निवेशक इस उम्मीद में निवेश कर रहे हैं कि यस बैंक फंड का इंतजाम कर लेगा।

बैंक का नया मैनेजमेंट फंड जुटाने के नामुमिन विकल्पों पर गौर कर रहा है। इन विकल्पों में कनाडा के अरबपति से लेकर एक गुमनाम आईटी कंपनी तक शामिल है। वहीं बैंक के संस्थापक राणा कपूर और सह-संस्थापक अपने सभी शेयर बेच कर के पूरी तरह से बाहर हो चुके हैं।

बैंक के पास मार्च तक दो विकल्प बचे हैं। पहला यह कि वो खुद को बंद करने की घोषणा कर दे। दूसरा किसी सरकारी या फिर निजी बैंक में इसका विलय कर दिया जाए, ताकि छोटे निवेशकों की जमा पूंजी और कर्मचारियों के पास नौकरी जाने का खतरा न रहे। अगर बैंक बंद होता है, तो फिर इसका पूरे बैंकिंग सेक्टर पर नकारात्मक असर पड़ेगा। इसके साथ ही यह सरकार के लिए भी अच्छी खबर नहीं होगी।

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