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कहते हैं भारत में इन्साफ भले देर से मिलती हैं लेकर मिलता सबको हैं. मामला बीजेपी से जुड़ा हुआ हैं जिनके मंत्री जी का आज विधायकी चली गयी. मामला 2017 विधानसभा से जुड़ा हुआ हैं.

जब बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने 327 मतों से जीत हासिल की थी. उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उम्मीदवार अश्विन राठौड़ ने यह आरोप लगाया था कि मतगणना के दौरान धांधली और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया था. इन्हीं सब बातों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

कांग्रेस नेता अश्विन राठौड़ ने 429 डाक मतपत्रों के पुन: सत्यापन की मांग की थी, जिसे रिटर्निंग ऑफिसर ने खारिज करते हुए. बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह को विजयी घोषित कर दिया था.

अश्विन राठौड़ द्वारा दायर याचिका हाईकोर्ट में 73वीं सुनवाई में इस केस पर फैसला आया है. कांग्रेस नेता द्वारा दाखिल की गई याचिका में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने यह पाया कि जानी ने पोलिंग सेंटर के अंदर जानी फोन पर बात करते हुए आसानी से सुने और देखे जा सकते थे.

कोर्ट ने राजस्थान कैडर की आईएएस अफसर विनीता बोहरा को भी पार्टी बनाया था जो उस समय वहां की आब्जर्वर थीं. कोर्ट को यह बात तब पता चली जब सुनवाई के दौरान बतौर सुबूत बातचीत का रिकॉर्डेड वीडिया पेश किया गया जिसमें यह साफ देखा गया कि जानी पूरी तरह से परिणाम चुडासमा के पक्ष में करने के लिए अधिकारियों पर दबाव डाल रहे थे.

अब चुडासमा की जीत को अवैध घोषित किया जाना बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.